हमारे राष्ट्र के संविधान में नागरिकों को प्रदत्त मूल अधिकारों मैं से एक अधिकार है…... अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने का अधिकार प्रत्येक भारतीय नागरिक को है फिर चाहे वह फिल्मी कलाकार हो या आम आदमी| फिल्मी कलाकारों का राजनीतिक बयानबाजी करना मेरे हिसाब से अनुचित नहीं है बशर्ते की बयानबाजी सकारात्मक हो ना की किसी दल विशेष, किसी व्यक्ति विशेष या किसी संप्रदाय विशेष के प्रति निजी बैर भाव, ईर्ष्या, वैमनस्यता, द्वेष या बदले की भावना से ओतप्रोत हो |
फिल्मी कलाकार भी अपने विचारों की अभिव्यक्ति कर सकते हैं लेकिन किसी भी मुद्दे पर अपने विचार प्रकट करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उनके विचारों से देश की एकता, अखंडता व आंतरिक शांति को किसी भी प्रकार का खतरा उत्पन्न ना हो|
फिल्मी कलाकार विज्ञापन के करोड़ों रुपए लेकर कंपनियों को अरबों का फायदा पहुंचाते हैं तो उनका यह नैतिक कर्तव्य बनता है कि राजनीति के किसी भी मुद्दे पर अपनी वास्तविक राय निष्पक्ष रुप से जनता के सामने प्रस्तुत करें क्योंकि देश-विदेश में करोड़ों अनुयायी , प्रशंसक होते हैं उनके|फिल्मी कलाकारों का नैतिक कर्तव्य है कि वह समाज के सामने किसी भी मुद्दे का वास्तविक दर्पण प्रस्तुत करें जिससे कि देश भी लाभांवित हो सके| युवा पीढ़ी पर फ़िल्मी कलाकारों की हर चीज़ या उनके मुँह से निकली हर बात का जादू सर चढ़कर बोलता है इसलिए युवा पीढ़ी को सही दिशा-निर्देशन का ख्याल रख कर ही बयानबाज़ी करनी चाहिए फ़िल्मी कलाकारों को।
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