राष्ट्रहित से पहले तो कुछ भी नहीं फिर चाहे प्राणों की आहुति हो या व्यक्तिगत हित ही क्यों ना हो?जब राष्ट्र ही शक्तिहीन और खोखला हो जाएगा तो व्यक्तिगत वजूद भी शून्य हो जाएगा, व्यक्ति का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। इसलिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है और वैसे भी जिन्हें अपनी कीमत का अंदाजा नहीं होता वहीं सस्ते में बिक जाया करते हैं। सस्ते माल की ना तो कोई गारंटी होती है ना कोई वारंटी। सस्ते माल को खरीदते वक्त भी, भारतीयों के जेहन में शंका होती है उसके टिकाऊपन को लेकर ,फिर भी लोभवश हम सस्ते माल के बाहरी आकर्षण के जाल में ग्रसित होकर आकर्षित हो जाते हैं और खरीदते हैं फिर चाहे वह सस्ता माल रास्ते में ही ,घर आते ही या एक दो बार के प्रयोग के बाद ही खराब हो जाए,टूट जाए ।कहा भी जाता है कि “महंगा रोए एक बार ,सस्ता रोए बार बार”
हाल ही में चीन ने पाकिस्तान का सहयोग किया है लेकिन हम भारतीय फिर भी सस्ते माल के चक्कर में चीन का सस्ता माल खरीद-खरीद कर अपने देश का पैसा चीन भेज कर भारत को कमजोर और चीन को आर्थिक रुप से शक्तिशाली बना रहे हैं, चीन की सेना को मजबूत करने में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
जबकि चीन को बिना गोली चलाए सबक सिखाने का नायाब तरीका है कि प्रत्येक भारतीय चीनी सामान का बहिष्कार करे क्योंकि विश्व का सबसे बड़ा बाजार भारत है किसी भी देश से यदि इतना बड़ा बाजार छिन जाये तो संबंधित देश का आधा पतन तो ऐसे ही हो जाएगा ,बशर्ते कि इस बात को प्रत्येक भारतीय को समझना होगा और याद रखना होगा कि “राष्ट्रहित सर्वोपरि है,ना कि सस्ता माल”
हम भारतीयों को जापान से सीखना होगा, कि अमरीका के परमाणु हमले में लगभग ख़त्म हो चुके देश जापान ने महज कुछ ही वर्षों में अपनी देश भक्ति से दृढ़संकल्पित होकर अमरीका को आर्थिक विकास में पीछे छोड़ दिया| हमले का बदला लेने के लिए अमरीका की लाख गुनी उन्नत वस्तुएं खरीदने के स्थान पर, अपने ही देश की वस्तुएं उपयोग की तथा अपने देश को समर्थ बनाया ताकि अमरीका से भी अधिक उच्च कोटि की वस्तुओं का निर्माण कर सकें
सस्ता चीनी सामान एक जहर की तरह है, हम भारतीयों के लिए …. जितनी जल्दी, द्रढ़ता और देश भक्ति के साथ चीनी सामान का बहिष्कार करेंगे,उतना ही हमारे व हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए अच्छा होगा|
आपको जानकर अच्छा लगेगा कि देश के कुछ हिस्सों के व्यापारी संगठनों ने इस बार दीपावली में चीनी सामान के बहिष्कार की घोषणा की है जो कि एक सराहनीय कदम है| इसी तरह की पहल देश के सभी व्यापारियों तथा नागरिको को दिखानी चाहिए| यदि हम व्यापारी चीनी सामान ना बेचने का संकल्प कर लें तथा नागरिक चीनी सामान ना खरीदने का तो वह दिन दूर नहीं जब कुछ ही समय में चीन की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी और हमसे नफरत करने वाले देश पाकिस्तान का समर्थन बंद कर देगा| तभी अपना देश असली दीवाली मना सकेगा|
अपील:--स्वदेशी अपनाओ,राष्ट्र को शक्तिशाली बनाओ।
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राष्ट्रहित सर्वोपरि है।बहुत अच्छा लेख
ReplyDeleteSwadeshi apnayen desh ko shaktishali banaye.
ReplyDeleteSwadeshi apnayen desh ko shaktishali banaye.
ReplyDeleteSwadeshi apnayen desh ko shaktishali banaye.
ReplyDeleteChina samaan ka bahishkaar karna hi uchit hai desh ki samraddhi ke liye
ReplyDeleteChina samaan ka bahishkaar karna hi uchit hai desh ki samraddhi ke liye
ReplyDeleteनिःसंदेह राष्ट्रहित सर्वोपरि
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