Monday, October 24, 2016

अलौकिक शक्ति



जब हम स्वयं को गहन अंधकार में घिरा हुआ पाते हैं और दूर तक कोई प्रकाश की किरण नजर नहीं आती उस वक्त सिर्फ हमारी स्वयं की आत्मा का प्रकाश ही हमारा मार्गदर्शन करता है ।सकारात्मक शक्ति से सृजन होता है और नकारात्मक शक्ति से विनाश ।कहा जाता है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है ।जब हम शारीरिक ,मानसिक क्रिया करना बंद कर देते हैं तब हमारे दिमाग में नकारात्मक विचार घर करते रहते हैं और हम सत्य का दामन छोड़ कर असत्य की ओर अग्रसर होते रहते हैं बुरी शक्तियां हमारे अंदर इस कदर घर कर चुकी होती हैं जिसके परिणाम स्वरुप झूठ ,फरेब ,मक्कारी, बदमाशी ,मार -काट ,हिंसा, धोखेबाजी, विश्वासघात इत्यादि नकारात्मक शक्तियां समाज को ही नहीं वरन पूरे राष्ट्र को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। मनुष्य के अंदर कई प्रकार की शक्तियां विद्यमान होती हैं मसलन अर्थ शक्ति, ज्ञान शक्ति, जनशक्ति ,निष्ठा शक्ति ,कर्तव्यबोध शक्ति, आत्मशक्ति। इन सभी शक्तियों में सबसे ज्यादा सक्षम व बलशाली आत्मशक्ति ही है ।यदि हमारे अंदर आत्मशक्ति नहीं है तो सारी शक्तियां होते हुए भी सभी शक्तियां शून्यप्राय ही हैं।जब हमें हमारी आत्मशक्ति पर नियंत्रण होगा तभी हम अपनी आत्मशक्ति को सकारात्मक दिशा की तरफ मोड़कर सद्भावना कायम रखने में समर्थ होंगे और तभी हमारी प्रत्येक क्रियाविधि सृजनात्मक होगी अन्यथा दुर्भावना से ग्रसित होकर सिर्फ और सिर्फ विनाश का कारण।

वर्तमान स्थिति को देखते हुए आवश्यकता है कि हम अपनी आत्मशक्ति को इतना बढ़ाएं जिससे कि हमारे अंदर की नकारात्मक शक्तियां सुषुप्तावस्था में पहुंचकर हमेशा के लिए दम तोड़ दें और सकारात्मक शक्तियां इतनी प्रबल हो जाएं कि समूचे राष्ट्र में सुख,संतुष्टि,अमन - चैन,व हर व्यक्ति विश्व बंधुत्व की भावना से ओतप्रोत हो जाए ।

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